Mohammed Siraj के लिए श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज यादगार रही. उन्होंने 3 मैच में कुल 9 विकेट झटके. इससे पहले, उन्होंने बांग्लादेश और न्यूजीलैंड दौरे पर भी कमाल की गेंदबाजी की थी. बीते कुछ महीनों में उन्होंने मोहम्मद शमी और बुमराह की परछाई से निकलते हुए एक तेज गेंदबाज के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है. अब वनडे, टी20 और टेस्ट तीनों फॉर्मेट में उनके बिना भारतीय गेंदबाजी आ क्र मण अधूरा ही रहेगा. लेकिन, सिराज का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा. कभी उन्हें धक्का लगाकर बाइक स्टार्ट करना पड़ती थी और आज वो करोड़ों की कार में घूमते हैं. उनके इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी काफी दिलचस्प है.
मोहम्मद सिराज ने बीते 1 साल में एक गेंदबाज के रूप में अपनी धार और पैनी है. इसका सबूत है पिछले साल का उनका प्रदर्शन. सिराज ने 2022 में भारत के लिए वनडे में सबसे अधिक विकेट लिए. उन्होंने 15 मैच में 23.5 की औसत से 24 विकेट लिए. उनका इकोनॉमी रेट भी 4.6 का रहा. पिछले साल चोट और टी20 विश्व कप की वजह से जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी ने काफी कम वनडे खेले. लेकिन, सिराज ने इन दोनों गेंदबाजों की कमी महसूस नहीं होने दी. सिराज का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा. उनके पिता ऑटो ड्राइवर थे. पैसों की तंगी के बावजूद उन्होंने यहां तक का सफर तय किया.
सिराज ने श्रीलंका के खिलाफ 3 वनडे की सीरीज में 9 विकेट लेने से पहले बांग्लादेश दौरे पर भी 2 टेस्ट और 3 वनडे में कुल 12 विकेट लिए थे और इससे पहले न्यूजीलैंड दौरे पर भी उन्होंने अपनी स्विंग गेंदबाजी का कमाल दिखाते हुए 3 टी20 में 6 विकेट हासिल किए थे. यानी बुमराह-शमी की गैरहाजिरी में सिराज अब पेस अटैक की कमान संभालने को तैयार हो चुके हैं.
आज सिराज भले ही कामयाबी की नई इबारतें गढ़ रहे. लेकिन एक दौर ऐसा भी था, जब वो बाइक को धक्का देकर स्टार्ट करते थे. लेकिन आज न सिर्फ वो टीम इंडिया के अहम गेंदबाज हैं. बल्कि लग्जरी लाइफ भी जी रहे.
मोहम्मद सिराज अपने क्रिकेट करियर के शुरुआती दिनों में ऐसी बाइक से खेलने जाते थे. जिसे स्टार्ट करने के लिए कई बार उन्हें धक्का लगाना पड़ता था. पिता ऑटो ड्राइवर थे तो कई बार पेट्रोल भराने तक के पैसे नहीं रहते थे. लेकिन, सिराज को क्रिकेट का ऐसा जनून था कि तमाम दुश्वारियों के बावजूद उन्होंने क्रिकेट खेलना नहीं छोड़ा.
सिराज आज भले ही करोड़ों की कार में घूमते हैं. लेकिन, उनके पास आज भी वो पुरानी बाइक है और उन्होंने इसे अपने संघर्ष के दिनों को याद रखने के लिए सहेजकर रखा है. सिराज की इस बाइक में सेल्फ स्टार्ट नहीं था. किक भी सही से काम नहीं करता था. इसलिए इसे स्टार्ट करने के लिए उन्हें काफी तिकड़म लगानी पड़ती थी.