उस घर में लोग खुशी जाहिर नहीं करते हैं, बेटी का जन्म होने पर इनके मन में कोई भी खुशी देखने को नहीं मिलती है, हमारे देश में ऐसे बहुत से जगह हैं जहां पर लड़कियों की संख्या लड़कों से बहुत कम है।देश के कई स्थानों पर बेटी के जन्म पर लोगों को बिल्कुल भी खुशी नहीं होती है, यह इनकी विकृत मानसिकता है जो कि बेटा और बेटी में फर्क देखती है,
लेकिन सच माने तो में देखा जाए तो आजकल बेटियां बेटे से कम नहीं है, बल्कि यह बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, आजकल बेटियां ही अपने मां-बाप का नाम रोशन कर रही हैं। लेकिन हमारे समाज में अब बहुत से बदलाव आ चुके है। बहुत से लोगो के लिए उनकी बेटी ही उनका बेटा है। तो वही हमारे समाज में एक ऐसी महिला भी जो वाकई कबीले तारीफ है।
आपको बता दे, यह महिला पेशे से एक डॉक्टर है। जो बेटी और बेटा में भेदभाव करने वाले लोगों के लिए एक सबक बन रही है, जी हां, यह महिला डॉक्टर यदि बेटी का जन्म करवाती है तो यह उसके लिए बिल्कुल भी फीस नहीं लेती है और यह खुद बेटी होने की खुशी में पूरे नर्सिंग होम में मिठाईयां बंटवा देती हैं, आप लोगों ने बहुत से लोगों को देखा होगा कि जब बेटी का जन्म होता है तो उनके चेहरे पर मायूसी छा जाती है, तो कुछ लोग तो निर्धन होने की वजह से रोने भी लगते हैं परंतु यह महिला डॉक्टर ऐसे ही लोगों की सोच बदलने का प्रयत्न करने में जुटी हुई हैं, यह महिला डॉक्टर इस कोशिश में लगी हुई है कि चाहे बेटा हो या बेटी, लोग इनको खुशी से अपनाएं और बेटा-बेटी में भेदभाव ना करें।
आपको बता दे, इस महिला डॉक्टर का नाम डॉक्टर शिप्रा धर है, जो वाकई में लोगों की तारीफ के लायक है। जब भी इनके नर्सिंग होम में किसी बेटी का जन्म होता है तो यह बिल्कुल भी फीस नहीं लेती है और ना ही कोई बेड चार्ज लेती हैं, यह पूरे नर्सिंग होम में अपनी तरफ से मिठाई भी बँटवाती हैं, आपको बता दें कि डॉक्टर शिप्रा धर बीएचयू से एमबीबीएस और एमडी कर चुकी है, और वाराणसी में यह एक नर्सिंग होम चलाती हैं, इनके पति का नाम डॉ. एमके श्रीवास्तव है जो कि इनके इस कार्य से बहुत खुश रहते हैं और इनका पूरा सहयोग भी देते हैं।
शादी होने के पश्चात डॉक्टर शिप्रा खुद नर्सिंग होम चलाती हैं यह दोनों ही डॉक्टर दंपति बहुत ही नेक काम कर रहे हैं। यह महिला डॉक्टर गरीबो के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है, अगर किसी निर्धन परिवार में बेटी का जन्म इनके नर्सिंग होम में होता है तो यह उनका बिल्कुल फ्री इलाज करती हैं, यदि डिलीवरी के दौरान ऑपरेशन भी करना पड़े तो उसका कोई भी चार्ज नहीं लेती है, इन्होंने सौ से भी अधिक बेटियों के जन्म पर कोई भी फीस नहीं लिया है।
इतना ही नहीं इनके इस नेक काम के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मई में वाराणसी का दौरा किया था तो डॉक्टर शिप्रा के इस कार्य से बहुत ही प्रभावित हुए थे। और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मंच से अपने संबोधन में देश के सभी डॉक्टरों से यह गुजारिश की थी कि अगर हर महीने की 9 तारीख को बेटी जन्म लेती है तो वह इसके लिए कोई भी चार्ज ना करें, इससे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की मुहिम को बल मिल पाएगा।